राजनैतिक सफर
वर्ष 1970 में भारतीय जनसंघ के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में राजनीति के क्षेत्र में पदार्पण किया।
वर्ष 1974 से 1983 तक छात्र राजनीति में सक्रिय रहे।
वर्ष 1983 से 1987 तक वार्ड क्र. 56 से इंदौर नगर पालिक निगम के लिये पार्षद निर्वाचित हुए ।
वर्ष 1989 से 1992 तक इंदौर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल में राज्य सरकार द्वारा संचालक के पद पर नियुक्त रहे ।
वर्ष 1995 से 2000 तक इंदौर नगर पालिक निगम में वार्ड क. 69 के पार्षद के रूप में प्रतिनिधित्व किया ।
वर्ष 2000 से 2005 तक वार्ड क्र. 67 से पार्षद निर्वाचित होकर इंदौर नगर पालिक निगम में जल कार्य समिति के अध्यक्ष व प्रभारी महापौर रहे। इस अवधि में भीषण जल संकट के हालात होने के बावजूद जल वितरण के लिये दूरदृष्टि से की गई समग्र व्यवस्था के कारण नागरिकों को जल संकट का अनुभव तक नहीं हो सका। इस अवधि में अपनी प्रशासनिक क्षमता तथा मैदानी सुझबूझ का बखूबी परिचय दिया
विकास गतिविधियों के अध्ययन के लिये अंतर्राष्ट्रीय नगरीय विकास संस्थान के निमंत्रण पर 2007 में मलेशिया व अमेरिका की 05 दिवसीय यात्रा की ।
इंदौर के विकास को नई गति देने के मकसद से इंदौर नगर पालिक निगम और सिटी ऑफ गारलैण्ड की बीच अनुबंध निष्पादित किया।
इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर 24 दिसंबर 2003 को मध्यप्रदेश शासन द्वारा नियुक्त किये गये एवं शासन द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया जो कि आज तक प्रभावशील है। प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर अपने कार्यकाल में अकल्पनीय विकास किया एवं विकास योजना की महत्वपूर्ण सड़कों को बनाने की पहल करते हुए विभिन्न आवासीय क्षेत्रों को गैर योजना मद से समस्या मुक्त बनाने का कार्य किया ।
इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लि. (आय. सी. टी. एस. एल.) के उपाध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए समूचे देश में लोक परिवहन की आदर्श सिटी बस व्यवस्था को स्थापित कर संचालन प्रारंभ कराया ।